अच्छा स्त्री बनना तो इश्क़ नहीं और क्या क्या करूँ क्या ना करूँ उलझन मे कौन नहीं है मेरी उलझन आपकी उलझन क्या क्या कहूं छुपाउं है क्या सही क्या गलत क्या क्या रंग दिखाती है जिंदगी क्या खूब इक्तेफ़ाक होता है प्यार में ऊम्र नहीं होती पर हर ऊम्र में प्यार होता है..!!

Hindi नहीं क्या Poems